गहरा रिश्ता
नमन मंच
दिनांक 5/1/24
विषय गहरा रिश्ता
भक्त भगवान का होता गहरा रिश्ता ।
नाता ये जन्मों जन्म का ।।
पालनकर्ता वो जग का रखवाला ।
होती ख़बर उसको पल पल की ।।
रचिता वो संसार का कण कण में वास उसका ।
तेरा मेरा प्रभु नाता रिश्ता गहरा ।।
तार मुझ को भव सागर तू ही नाथ ।
नाथ दीनानाथ दुख संकट दिए तूने कितने ।।
मेरे मेरे ही हिस्से आए देख ज़रा पलके भीगी हर पल रहती ।
कसौटी लेता सिर्फ मेरी मेरी ही क्यों ।।
पल को ज़रा थम तो जानें दे सम्हाल खुद को लेने दे ।
एक के बाद एक बस परख मेरी ही कर्ता ।।
कैसे नाम लूं तेरा परेशानियां कितनी तू ही देख ज़रा ।
बालक तेरा अंश तेरा ही नाता रिश्ता तेरा मेरा गहरा ।।
भक्त भगवान् का प्रार्थना सदा तेरी करती कर्म अपने अडिग रहती ।
वर्षा उपाध्याय, खंडवा.
Alka jain
17-Jan-2024 04:42 PM
Nice
Reply
Gunjan Kamal
08-Jan-2024 08:21 PM
👏👌
Reply
Rupesh Kumar
07-Jan-2024 08:12 PM
Nice
Reply